5 Essential Elements For baglamukhi shabar mantra



ऊँ ह्रीं क्लीं (व्यक्ति का नाम) मम वश्यं कुरु कुरु स्वाहा।

मंत्र प्रयोग से पूर्व कन्या पूजन करते हैं किसी भंगी की कन्या(जिसका मासिक न प्रारम्भ हुआ हो) का पूजन करते हैं, एक दिन पूर्व जाकर कन्या की माँ से उसे नहला कर लाने को कहे फिर नए वस्त्र पीले हो तो अति उत्तम, पहना कर, चुनरी ओढ़ा कर ऊँचे स्थान  पर बैठा कर, खुद उसके नीचे बैठे व हृदय में भावना करे कि मैं माँ का श्रिंगार व पूजन कर रहा हूँ, इस क्रिया में भाव ही प्रधान होता है

में भी साधना करना चाहती हू। आचार्य जी एक दो वूजुर्ग साधकों से में मिली हूं। उन्होंनों शाबर मत्रं दिये थे परन्तु वह क्या सच में मत्रं है। समझ ही नहीं पाई ओर किताबें बहुत पढ़ी। आप के आर्टिकल आजकल पड़ रही हूं। कोई सरल सा मत्रं बात दीजिए। आपकी बहुत ही कृपा होगी।

In accordance with Hindu mythology, Lord Shiva to start with exposed the Shabar mantra to his spouse - goddess Parvati, the goddess of all electricity and information. Following that, it received tailored into various neighborhood languages on account of its effect and favourable benefits.

उत्तर: मंगलवार और शनिवार को विशेष लाभ होता है, लेकिन किसी भी दिन जप किया जा सकता है।

Baglamukhi or Bagala is an important deity Among the many 10 Mahavidyas worshipped with good devotion in Hinduism. The final word benefit of worshipping Baglamukhi clears the illusions and confusions of your devotees and gives them a transparent path to commence in life.

Goddess Baglamukhi carries a cudgel in her fingers to smash the troubles faced by her devotees. Here are some mantras of Baglamukhi with their meanings and the benefits of chanting them.

अब उसके पैरों पर जल धीरे-धीरे डालते हुए मन में भावना करे मैं माँ के पैरों को अच्छे से साफ कर रहा हूँ फिर उसे तौलिए से पोछ कर, नई चप्पल पहनाए तथा पीला भोग अपने हाथ से खिलाए व उसे ध्यान से देखे कभी-कभी कन्या का पैर या चेहरा पीले रंग में दिखने लगता है। भोग लगाने के बाद उसे कुछ देर बैठा रहने दें व स्वयं मन ही मन प्रार्थना करें

अर्थात् : जिसने ज्ञान-विज्ञान की प्राप्ति होती है और पाप-समूह नष्ट होते हैं ऐसे सद्-गुरू के मुख से प्राप्त ‘मत्रं ग्रहण को दीक्षा कहते है।

भावार्थ:-जिन शिव-पार्वती ने कलियुग को देखकर जगत के हित के लिए शाबर मन्त्र समूह की रचना की; जिन मंत्रों के अक्षर बेमेल हैं, जिनका न कोई ठीक अर्थ होता है here और न जप ही होता है, तथापि श्री शिवजी के प्रताप से जिनका प्रभाव प्रत्यक्ष है॥ सहज और सरल भाषा में रचित ये मत्रं अत्यधिक विशेष प्रभाव शाली है। तत्रं विघा को जानने वाले शाबर मंत्रों का विशेष महत्व जानते हैं अत्यधिक प्रभाव शाली माँ पिताम्बरा बगलामुखी के यह मत्रं अपने आप में चमत्कृत है। यदि किसी व्यक्ति विशेष के कारण शत्रु पग-पग पर कष्ट देते है उस पर हावी होते है, तथा हर प्रकार से नीचा दिखाने की चेष्टा करते हों, या षड्यंत्र करके पुलिस कोर्ट कचहरी में फसा देते है तब उसे बगलामुखी दिक्षा उपरांत शाबर मंत्र की साधना करनी चाहिए। यदि किसी के शत्रु अस्त्र आदि लेकर सामने आते हों और उसके सामने प्राण का संकट खड़ा हो जाता हो तथा कोई उसकी जीविका को व्यापार को तत्रं द्वारा नष्ट बंधन प्रयोग कर रहा है तब शत्रुओं को उनके बाल प्रभाव नष्ट करना चाहिए ,जब कोई असाहय हो या सब तरफ से शत्रुओं में घिर जाए और उसे बचने का कोई उपाय न सूझे, तो ऐसी भयंकर विपत्ति में ही बगलामुखी साधना करनी चाहिए क्योंकि।

उत्तर: हां, शुद्ध आहार का सेवन करें और पवित्रता बनाए रखें।

ॐ ह्ल्रीं भयनाशिनी बगलामुखी मम सदा कृपा करहि, सकल कार्य सफल होइ, ना करे तो मृत्युंजय भैरव की आन॥

Rewards: Chanting the Shiv Sabar mantra is a great way to ask for relief and defending family members prosperity.

आन हरो मम संकट सारा, दुहाई कामरूप कामाख्या माई की।‘‘

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